इंदौर। सेशन कोर्ट ने 2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अभियुक्त गौरव अहलावत और कृष्णा वंती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। 11वें अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश शर्मा ने यह फैसला सुनाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आवेदकों पर आरोप है कि उन्होंने सहअभियुक्तों के साथ मिलकर करतार सिंह की कंपनी के बैंक खाते से 2 करोड़ रुपये कृष्णा वंती अहलावत के खाते में स्थानांतरित किए। इस लेनदेन का उद्देश्य अवैध लाभ अर्जित करना था। फरियादी ने इस मामले में आपत्ति दर्ज करवाई थी।
अभियुक्तगण की ओर से दलील दी गई कि उनका इस लेनदेन से कोई संबंध नहीं है और उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कृष्णा वंती वृद्ध और कैंसर पीड़ित हैं। अभियुक्तों के फरार होने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि उनकी संपत्तियां इंदौर में स्थित हैं।
अदालत ने केस डायरी और दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए पाया कि अभियुक्तगण द्वारा 2 करोड़ रुपये के लेनदेन को नकारा नहीं गया है और उनके पास इसका संतोषजनक स्पष्टीकरण भी नहीं है। प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित होने के कारण अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
इस आदेश के साथ अदालत ने केस डायरी वापस करते हुए प्रकरण के परिणाम को अभिलेखागार में दर्ज करने का निर्देश दिया