#निरंजन वर्मा
इंदौर। भाजपा शासित राज्य और भाजपा का महापौर होने के बावजूद शहर की समस्याओं पर अधिकारियों का रवैया ढीला बना हुआ है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने खुद पत्र लिखकर यह पीड़ा जाहिर की है कि शहर के विकास और यातायात संबंधी निर्माणाधीन परियोजनाओं में उनकी बात तक नहीं सुनी जा रही।
महापौर ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर शिकायत की है कि इंदौर विकास प्राधिकरण, मेट्रो विभाग और स्मार्ट सिटी जैसे विभाग निर्माणाधीन परियोजनाओं में न तो नगर निगम को विश्वास में ले रहे हैं और न ही जनता की असुविधा पर ध्यान दे रहे हैं। परिणामस्वरूप शहरवासियों को आए दिन जाम, अव्यवस्था और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 6 सितंबर को हुई बैठक में निर्माणाधीन मार्गों को सुरक्षित बनाने और यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन हकीकत में जमीन पर कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा।
महापौर के पत्र से यह सवाल खड़ा हो गया है कि जब भाजपा की ही सरकार और भाजपा का महापौर होते हुए भी अधिकारियों की मनमानी पर रोक नहीं लग पा रही है, तो आम जनता की आवाज कौन सुनेगा? फिलहाल लापरवाहियों का खामियाजा इंदौर की जनता भुगत रही है।