अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन हो गया. पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर अपने परिवार के साथ जॉर्जिया के प्लेन्स स्थित अपने घर में रहते थे. यहीं पर उन्होंने आखिरी सांस ली. कार्टर सेंटर ने यह जानकारी दी. वह अमेरिका के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति रहे. उनके भारत कनेक्शन के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. जिमी कार्टर भारत का दौरा करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे. भारत में उनके नाम से एक गांव भी है. जी हां, उनके सम्मान में हरियाणा के एक गांव का नाम कार्टरपुरी रखा गया था.
जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में रविवार को उनका निधन हो गया. वो अमेरिका के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति रहे. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी खो दिया.’ जिमी कार्टर का परिवार काफी बड़ा है. उनके कुल 25 पोते-परपोते हैं. उनके परिवार में उनके बच्चे- जैक, चिप, जेफ और एमी; 11 पोते-पोतियां और 14 परपोते-पोतियां हैं. उनकी पत्नी रोसालिन और एक पोते की उनसे पहले ही मृत्यु हो चुकी है.
राष्ट्रपति से पहले क्या थे जिमी कार्टर?
जिमी कार्टर राजनीति में आने से पहले मूंगफली किसान थे. इतना ही नहीं, वह अमेरिकी नौसेना में लेफ्टिनेंट भी रह चुके थे. उन्होंने जॉर्जिया के गवर्नर और 1977 से 1981 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में एक कार्यकाल पूरा किया. वह 100 साल की उम्र तक पहुंचने वाले एकमात्र पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति थे.
पत्नी का 2023 में हुआ था निधन
पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की पत्नी रोजलिन कार्टर का नवंबर 2023 में 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उन्हें मानसिक स्वास्थ्य की वकालत और मानवीय कार्यों के लिए जाना जाता था. कार्टर दंपति अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक विवाहित रहने वाले राष्ट्रपति दंपति थे. दोनों ने 75 साल से अधिक समय तक एक-दूसरे का साथ निभाया.
बेटे ने क्या कहा?
जिम कार्टर के निधन पर चिप कार्टर ने कहा, ‘मेरे पिता न केवल मेरे लिए, बल्कि शांति, मानवाधिकार और निस्वार्थ प्रेम में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति के लिए एक हीरो थे. मेरे भाइयों, बहन और मैंने इन समान मान्यताओं के जरिए उन्हें दुनिया के साथ साझा किया. जिस तरह से उन्होंने लोगों को एक साथ लाया, उससे यह दुनिया हमारा परिवार बन गई. हम आपका धन्यवाद करते हैं कि आप उनके इन आदर्शों पर चलकर उनकी यादों को सम्मान दे रहे हैं.’